जय गौमाता श्री सुरभ्ये नमः जय गोपाल
“धेनु सरबस धन मम ,धेनु मेरी प्राण
धेनुलोक मम आसरों ,धेनु मेरी त्राण”
धेनुम पंचगव्य उत्पाद...
वेदलक्षणा भारतीय देशी गोवंश प्रदत पाँच गव्य पदार्थ जो की पंच महातत्वों का प्रतिनिधित्व करते है...यह पंचगव्य और प्रतिनिधि तत्व निम्न है...
“ पंचतत्व को बनेउ शरीरा, गौ ते शुद्ध होत मिटी पीरा”
सकल ब्रह्मांड रुप गौमाता, पंच पदार्थ त्रिभुवन दाता”
1. गोबर( गोमय) = मिट्टीतत्व
2.गोमूत्र( गोधन/ गोझरण) = वायुतत्व
3. दूध( क्षीर)= जल तत्व
4. दही/ छाछ= आकाश तत्व
5. गोघृत/घी= अग्नि तत्व
इन पंचगव्यो मे हमें गोबर, गोमूत्र और दूध प्रत्यक्ष रूप से प्राप्त होता है तथा दूध के परिष्कृत रूप में दही/छाछ व घी मिलता है। परन्तु विडम्बना यह है कि आज ना तो वेदलक्षणा देशी गोवंश का संरक्षण व सँवर्द्धन हो रहा है और ना इसके शुद्ध पंचगव्यो का समुचित रूप में विपणन ।आज भारतीय देशी गोवंश के स्थान पर सर्वत्र विदेशी नस्ल के जर्सी होलिस्टीयन पशु का बोलबाला है जो कि दिखने में गाय जैसी है पर गुण, धर्म व महत्व के आधार पर बिलकुल विपरीत है।
एक ओर जहाँ वेदलक्षणा देशी गौमाता है जिसके तन में 36 कोटि देवी देवताओ ने अपना निवास स्थान बनाकर उसके पंचगव्यो को अमृत से कही बढ़कर उपयोगी बना दिया है वही दूसरी ओर विदेशी जर्सी पशु है जो आसुरी शक्तियों का प्रतिनिधित्व करते हुए ना केवल मनुष्य जीवन बल्कि पर्यावरण के लिए भी ख़तरा साबित हो रहा है।
इन्ही सब समस्याओं व दुष्प्रवृति का प्रतिरोध करने के लिए श्री नारायणधाम गौ ग्राम जयपुर लेकर आए है धेनुम नाम से शुद्ध ,सात्विक व पूर्णत प्रामाणिक पंचगव्य व जैविक उत्पाद जिनको अपने जीवन का अंग बनाकर हम अपना अध्यात्मिक व शारीरिक उत्थान कर सकते है
“ पंचगव्य को जो करि पाना, पूजा हेतु प्रथम प्रमाना” “गव्य पंच, देवत्व दिलावहि, पंचामृत प्रतिष्ठा करावहि”।।
श्री नारायणधाम गोशाला बगरु जयपुर के वेदलक्षणा देशी गोवंश के गोबर गोमूत्र से निम्न उत्पाद निर्मित किए जा रहे है.... आप इनको अपने जीवन का हिस्सा बनाकर आध्यात्मिक और सात्विक लाभ प्राप्त कर सकते है...और एक निरामय जीवन शैली की ओर अग्रसर हो सकते है....